Market Correction Hota Kya Hai? इन 5 Market Lessons से बदल जाएगा आपका Investing View





Market Correction शब्द को आपने ज़रूर सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर यह होता क्या है और क्यों हर निवेशक इसके बारे में बात करता है? जब बाजार अचानक 10% या उससे ज़्यादा गिरता है, तो उसे Market Correction कहा जाता है। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जो लंबे समय के निवेशकों को अनुशासन, धैर्य और भरोसे का सबक सिखाती है।

वास्तव में, Market Correction शेयर बाजार का “संतुलन बिंदु” है — जब कीमतें अत्यधिक बढ़ जाती हैं, तो यह गिरावट निवेश को यथार्थ स्तर पर वापस लाती है। यह डर का नहीं, बल्कि अवसर का संकेत है, जो सच्चे निवेशकों को बाकी लोगों से अलग करता है।

Investor studying Market Correction chart

Market Correction डर नहीं, अवसर है

जब बाजार गिरता है, तो कई निवेशक घबराकर बेचने लगते हैं। लेकिन समझदार निवेशक जानते हैं कि यह समय बेचने का नहीं, बल्कि अच्छे शेयर सस्ते दामों पर खरीदने का होता है। Market Correction असली में एक “Reality Check” है जो निवेशकों को याद दिलाता है कि बाजार हमेशा एक दिशा में नहीं चलता।

2020 की गिरावट के बाद जिसने भरोसा रखा, वही निवेशक अगले दो सालों में सबसे बड़ा फायदा उठा सके। इसलिए Correction के समय घबराहट नहीं, शोध और धैर्य ज़्यादा काम आते हैं।

निवेश अनुशासन की असली परीक्षा

Market Correction हमें सिखाता है कि निवेश में “भावनाओं” की नहीं, “योजना” की ज़रूरत होती है। जब कीमतें गिरती हैं, तब अपने पोर्टफोलियो को दोबारा जांचने का सही समय होता है। यही वो वक्त है जब अनुशासन का असली मतलब सामने आता है — क्या आपने अच्छे बिजनेस में निवेश किया था या सिर्फ ट्रेंड देखकर?

यह भी समझना ज़रूरी है कि असली निवेश रणनीति सिर्फ शेयर चुनने में नहीं, बल्कि उन्हें सही समय तक पकड़कर रखने में होती है। यही अनुशासन समय के साथ बड़ा रिटर्न देता है।

Force Motors Case Study: धैर्य का फल मीठा

Force Motors इसका शानदार उदाहरण है। जब इसका शेयर ₹1,000 के आस-पास था, तब बहुतों ने इसे नजरअंदाज किया। पर कंपनी अंदर से मजबूत बिजनेस बना रही थी — Mercedes-Benz और BMW जैसी दिग्गजों के लिए इंजन बनाना इसका नया फोकस था।

तीन सालों में कंपनी घाटे से ₹800 करोड़ के मुनाफे पर पहुंची और शेयर ₹1,000 से ₹20,000 तक गया। यह दिखाता है कि Market Correction में टिके रहना कितना फायदेमंद हो सकता है।

Market Correction opportunity for long-term investors

छोटे देशों की ऊँची Growth का भ्रम

अक्सर कहा जाता है कि कुछ छोटे देश भारत से तेज़ी से बढ़ रहे हैं। लेकिन यह “Base Effect Illusion” है। उदाहरण के लिए, World Bank के अनुसार, Libya की GDP $44 बिलियन है जबकि भारत की $4 ट्रिलियन से ज़्यादा। जब छोटी अर्थव्यवस्थाएं दोगुनी होती हैं, तो उनका प्रभाव सीमित रहता है।

इसलिए, जब Market Correction होता है, तो तुलना करते समय पैमाने और संदर्भ को समझना ज़रूरी है। भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए Correction एक अस्थायी झटका भर है।

भरोसा, धैर्य और इंतज़ार ही असली ताकत

दिग्गज निवेशक Charlie Munger ने कहा था — “The big money is not in the buying and the selling, but in the waiting.” यही Market Correction का सार है। असली लाभ उन्हीं को मिलता है जो इंतज़ार करना जानते हैं।

जब दूसरे डरते हैं, तब ही अवसर जन्म लेते हैं।

अगली बार जब बाजार गिरे, तो उसे डर की नहीं बल्कि भरोसे की नज़र से देखें। अपने चुने हुए शेयरों और Market Insights पर भरोसा रखें, क्योंकि यही अनुशासित निवेशक की पहचान है।

निष्कर्ष: Market Correction से सीखिए निवेश का असली मंत्र

हर Market Correction हमें तीन चीज़ें सिखाती है — धैर्य रखें, डर से दूर रहें और अपने फैसलों पर भरोसा बनाए रखें। यही तीन मंत्र लंबे समय में सफलता की कुंजी हैं।

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