Pakistan IMF Loan News पाकिस्तान को IMF की 6 अरब डॉलर की मदद के बदले 11 सख्त शर्तें माननी होंगी
पाकिस्तान की आर्थिक हालत लगातार खराब होती जा रही है। इसी बीच IMF (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने पाकिस्तान को 6 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के लिए 11 सख्त शर्तें रख दी हैं। यह खबर ऐसे समय पर आई है जब देश चुनावों और आंतरिक उथल-पुथल से जूझ रहा है।
Pakistan IMF Loan News IMF की 11 सख्त शर्तें
- टैक्स बेस का विस्तार: IMF चाहता है कि पाकिस्तान ज्यादा लोगों को टैक्स नेटवर्क में लाए।
- बिजली और गैस की कीमतें बढ़ाना: सब्सिडी खत्म कर के दामों में वृद्धि करनी होगी।
- राजकोषीय घाटा कम करना: खर्च घटाना और आय बढ़ाना जरूरी होगा।
- केंद्र और राज्य की सरकारों में तालमेल: सभी सरकारों को IMF के साथ की गई डील का पालन करना होगा।
- बिजली कंपनियों की कीमतें सुधारना: पारदर्शिता लानी होगी और घाटे की भरपाई करनी होगी।
- रूपए को बाजार के अनुसार छोड़ना: डॉलर के मुकाबले रूपया फ्लोट करेगा।
- रिजर्व बैंक की स्वायत्तता: SBP (State Bank of Pakistan) को स्वतंत्र रूप से काम करने देना होगा।
- बाहरी ऋण की निगरानी: सरकार को लोन लेने की पूरी जानकारी IMF को देनी होगी।
- बैंकिंग सुधार: बैंकों की नीतियों में बदलाव करना होगा ताकि NPA ना बढ़े।
- सोशल वेलफेयर में कटौती नहीं: गरीबों के लिए जो योजनाएं चल रही हैं, उनमें कटौती नहीं की जा सकती।
- राजनीतिक स्थिरता बनाए रखना: IMF ने साफ कहा कि राजनीतिक स्थिरता जरूरी है वरना अगली किश्त रोक दी जाएगी।
क्या IMF की शर्तें मानना जरूरी है?
IMF ने साफ चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान ने ये सभी शर्तें नहीं मानीं, तो भविष्य में मिलने वाली किश्तें रोक दी जाएंगी। ऐसे में पाकिस्तान के पास इन शर्तों को मानने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचता। हालांकि, इससे आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
चुनाव और आर्थिक संकट
एक तरफ देश में राजनीतिक अस्थिरता और चुनावी माहौल है, तो दूसरी ओर IMF की सख्त शर्तें। पाकिस्तान के लिए यह दोहरी चुनौती है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान कैसे इस आर्थिक संकट से बाहर निकलता है।
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Source/Credit: IMF रिपोर्ट | imf.org